मदीने को जाएँ ये जी चाहता है / Madine Ko Jaaen Ye Jee Chaahta Hai
Madine ko jaye ye jee chata hai hindi naat lyrics
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
मुक़द्दर बनाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
मदीने के आक़ा ! दो आलम के मौला ! तेरे पास आएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
जहाँ दोनों 'आलम हैं महव-ए-तमन्ना वहाँ सर झुकाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
मुहम्मद की बातें, मुहम्मद की सीरत सुनें और सुनाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
दिलों से जो निकलें दयार-ए-नबी में सुनें वो सदाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
पहुँच जाएँ, बहज़ाद ! जब हम मदीने तो ख़ुद को न पाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
शायर:
बहज़ाद लखनवी
ना'त-ख़्वाँ:
ज़ुल्फिकार अली हुसैनी
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
मदीने के आक़ा ! दो आलम के मौला ! तेरे पास आएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
जहाँ दोनों 'आलम हैं महव-ए-तमन्ना वहाँ सर झुकाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
मुहम्मद की बातें, मुहम्मद की सीरत सुनें और सुनाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
दिलों से जो निकलें दयार-ए-नबी में सुनें वो सदाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
पहुँच जाएँ, बहज़ाद ! जब हम मदीने तो ख़ुद को न पाएँ ये जी चाहता है
मदीने को जाएँ ये जी चाहता है
शायर:
बहज़ाद लखनवी
ना'त-ख़्वाँ:
ज़ुल्फिकार अली हुसैनी
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