सिद्दीक़ है पेहला हिंदी लिरिक्स | Siddiq Hai Pehla Lyric In Hindi | Hafiz Tahir Qadri

 




Title: Siddiq Hai Pehla

Naat khuwan : Hafiz Tahir Qadri

Audio: RWDS Studio

D.o.p : Talha Mehmood

Video: TRQ Productions

Poet: Asim Ul Qadri Muradabadi

Label: TQ Productions



सिद्दीक़ है पेहला … सिद्दीक़ है पेहला (x2)
अफजलुल बशर, बाद-अज़ अंबिया (x3)
अमीरिल मुअ’मिनिन अब-बक्रनी सिद्दीक़

आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बतायाया (x4)
सिद्दीक़ है पेहला (x4)
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बतायाया
सिद्दीक़ है पेहला

वो पेहला मुसलमान, खलीफा वही पेहला
हैदर का है प्यारा
उस्मानो उमर ने भी है रहबर जिसे माना

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

सिद्दीक़ के गुस्ताख़ जरा होश में आओ
कुछ खौफ तो खाओ
ढूंदे से ना मिल पायेगा ऐसा तुम्हे आक़ा

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

खुद सांप से दशवा लिया पाऊँ न हटाया
क्या इश्क निभाया
क्या और भी दुनिया में वफ़ादार है ऐसा

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

सिद्दीक़ की अज़मत तो घटी है ना घटेगी
ये बढ़ती रहेगी
सिद्दीक़ के हामियों मददगार है आक़ा

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

अबू-बक्र का बागी तो अली का भी है बागी
ये बात है सच्ची
हैदर ने भी सरदार जिसे अपना है माना

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

हर लम्हा शहे-बतहा के वो साथ रहा है
वो जान वफ़ा है
है आज भी पेहलू ए मुहम्मद में ठिकाना

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

गर जलते हैं, जलते रहे हमको नहीं परवा
सिद्दीक़ के आदा
हर बज़्म में, हर मोड़ पे नारा यही होगा

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

सिद्दीक़ के बागी से सदा जंग करेंगे
“आसिम” ना डरेंगे
सिद्दीक़ की अज़मत पे सदा देंगे यूं पेहरा

सिद्दीक़ है पेहला
आका ने मुसल्ले पे खड़ा करके बताया
सिद्दीक़ है पेहला
फिर सारे सहाबा ने यहीं नारा लगाया
सिद्दीक़ है पेहला

सिद्दीक़ है पेहला… सिद्दीक़ है पेहला… सिद्दीक़ है पेहला


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