आओ कि करें उन लब-ओ-रुख़्सार की बातें हिंदी लिरिक्स | Aao Ki Karein Un Lab-o-Rukhsaar Ki Baatein

आओ कि करें उन लब-ओ-रुख़्सार की बातें, सरकार की बातें
महबूब-ए-ख़ुदा, पैकर-ए-अनवार की बातें, सरकार की बातें

जब कोई नहीं, कोई नहीं, कोई सहारा, ग़म-ख़्वार हमारा
हम क्यूँ न करें अपने ख़रीदार की बातें, सरकार की बातें

हसनैन की हों, अकबर-ओ-असग़र की हों बातें, ज़हरा-ओ-'अली की
हर रंग में हो सीरत-ओ-किरदार की बातें, सरकार की बातें

ए काश कि महफ़िल हो अबू-बक्र-ओ-'उमर की, 'उस्मान-ओ-'अली की
यारों से सुनें हम भी कभी यार की बातें, सरकार की बातें

सूरज करे शबनम से कि जुगनू से सितारा या फूल से तितली
उस ज़ुल्फ़-ए-मु'अंबर के हैं असरार की बातें, सरकार की बातें

देता था अबू-जहल भी बढ़ चढ़ के गवाही इख़्लास-ए-नबी की
होती थी अगर लहजा-ओ-गुफ़्तार की बातें, सरकार की बातें

हर ज़र्रा-ए-ना'लैन-ए-मुहम्मद की गदाई, 'आफ़ी की है शाही
करता है सदा बारिश-ए-अनवार की बातें, सरकार की बातें



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