अल्लाह हू ! अल्लाह हू ! बंदे हर दम अल्लाह हू !
अल्लाह हू ! अल्लाह हू ! बंदे हर दम अल्लाह हू !
अल्लाह हू ! अल्लाह हू ! बंदे हर दम अल्लाह हू !
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
न कुछ तेरा, न कुछ मेरा, ओ ग़ाफ़िल इंसान !
सब कुछ जाने, जान बूझ के बने है क्यूँ अनजान
दारा और सिकंदर जैसे शहंशा 'आली-शान
लाखों मन मिट्टी में सो गए बड़े बड़े सुलतान
तेरी क्या औक़ात है बंदे, कुछ भी नहीं है तू
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
तेरा मेरा जीवन जैसे चलते फिरते साए
जूँ-जूँ बढ़ती जाए 'उमरिया, जीवन घटता जाए
मौत खड़ी है सर पे तेरे, जाने कब आ जाए
एक साँस का पंछी है तू, कौन तुझे समझाए
रह जाएगा पिंजरा ख़ाली, उड़ जाएगी रूह
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
तन्हा क़ब्र में होगा, तेरा कोई न होगा मीर
अल्लाह ही अल्लाह बोल सलामत जीवन बाज़ी जीत
ढलता सूरज रोज़ सुनाए तुझे फ़ना के गीत
नींद से आँखें खोल तमन्ना कैसी है ये प्रीत
अल्लाह तेरा जाग रहा है और सोता है तू
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
अल्लाहु बाक़ी मिन कुल्लि फ़ानी
अल्लाह हू ! अल्लाह हू ! बंदे हर दम अल्लाह हू !
अल्लाह हू ! अल्लाह हू ! बंदे हर दम अल्लाह हू !
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