मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
सारे जग में रवाँ इस का फ़ैज़ान है
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
उल्फ़त-ए-मुस्तफ़ा और ख़ौफ़-ए-ख़ुदा
मदनी चैनल पे बटता ये फ़ैज़ान है
क्यूँ न फूले-फले, क्यूँ न आगे बढ़े
रहमत-ए-मुस्तफ़ा इस पे हर आन है
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
मस्लक-ए-आ'ला-हज़रत पे क़ाइम है ये
सुन्नियत की ये मौजूदा पहचान है
क्यूँ न धूमें ज़माने में इस की मचें
ये तो फ़ैज़ान-ए-अहमद-रज़ा-ख़ान है
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
बच्चों, बूढ़ों, बड़ों, औरतों के लिए
फ़ैज़-ए-आक़ा है ये फ़ज़्ल-ए-रहमान है
किस बुलंदी पे है इस का मीनार-ए-'अज़्म
सोच कर 'अक़्ल बातिल की हैरान है
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
शादमाँ सुन्नियत है मगर देखिए
मदनी चैनल से शैताँ परेशान है
दूध का दूध, पानी का पानी करे
मदनी चैनल सदाक़त का मीज़ान है
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
रात-दिन ज़िक्र-ए-मौला से मा'मूर है
कभी ना'तें, कभी नूर-ए-क़ुरआन है
वक़्त की ये ज़रुरत है, अर्फ़क़ मियाँ !
जो मुख़ालिफ़ है इस का वो नादान है
मरहबा ! मदनी चैनल की क्या शान है
मदनी चैनल ! मदनी चैनल !
देखते रहिये, मदनी चैनल !
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