दी हज़रते बिलाल ने काबे से जब सदा हिन्दी नात लिरिक्स 2022 - Naat Lyrics World
दी हज़रते बिलाल ने काबे से जब सदा
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फ़लाह
इरशादे किबरिया है ये फरमाने मुस्तफ़ा
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फलाह
पैदा हुए रसूल तो रहमत बरस पड़ी
थी आसमाँ से फर्श तलक नूर की झड़ी
दाई हलीमा गोद में लेकर जो चल पड़ी
बीमार ऊंटनी में अजब जान पड़ गई
बादे सबा ने झुम के कानों में यूं कहा
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फलाह
अरशे बरीं पे रब ने बुलाया हुजूर को
जिबरील आए और जगाया हुजूर को
हक की रजा का जाम पिलाया हुजूर को
चलने लगे तो रबने बताया हुज़ूर को
उम्मत से जा के कहना यही तोहफा है मिला
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फलाह
इस्लाम के अलम को उठाया हुसैन ने
बातिल के आगे सर न झुकाया हुसैन ने
क्या चीज़ है नमाज़ बताया हुसैन ने
सज्दे में अपने सर को कटाया हुसैन ने
ये दश्ते करबला से अभी आती है सदा
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फलाह
दाढ़ी तमाम नवियों की सुन्नत है मोमिनों
इस्लाम का शिआर है रहमत है मोमिनों
सरकार की गुलामी की निसबत है मोमिनों
सुन्नत पे जो चला उसे जन्नत है मोमिनों
जन्नत में भी मिलेगा तुम्हें कुरबे मुस्तफ़ा
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फलाह
मेराज रुहे अहले बसीरत नमाज़ है।
अफ़ज़ल तरीन शुगल साअदत नमाज़ है
मेरे नबी की आँखों की ठंडक नमाज़ है
मोमिन के वास्ते तो शहादत नमाज़ है
ये है कलीम मज़हरे अल्ताफ़े किबरिया
हय्य अलस्सलाति हय्य अलल फ़लाह
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