जानम फ़िदा-ए-हैदरी या अली अली अली है मुहम्मद मेरा दिल तो सीना अली मेरे जीने का वहीद क़रीना अली दीन ए इस्लाम का है नगीना अली हक की मंजिल का पहला है जीना अली दश्त मे अबर का पहला कतरा अली मेरा मुर्शाद भी आका भी मौला अली अली मौला अली हर सू सदा ए हैदरी या अली अली अली जानम फ़िदा ए हैदरी या अली अली अली सुबह से शाम तक हर पहर हर घड़ी लब पे अपने रहे नारा ए हैदरी यानी खैबर शिकार यानि मुश्किल कुशा बाद यज़्दान के है दूसरा आसरा मे मुसीबत मे अब क्यूं परेशान रहु गम के मारों का है तू सहारा अली अली मौला अली रम्ज़ ए बकाये हाशमी या अली अली अली जानम फ़िदा ए हैदरी या अली अली
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