उठा दो पर्दा, दिखा दो चेहरा, कि नूरे बारी ह़िजाब में है hindi lyrics | Utha Do Parda, Dikha Do Chehra in hindi lyrics

उठा दो पर्दा, दिखा दो चेहरा, कि नूरे बारी ह़िजाब में है hindi lyrics | Utha Do Parda, Dikha Do Chehra in hindi lyrics




उठा दो पर्दा, दिखा दो चेहरा, कि नूरे बारी ह़िजाब में है

ज़माना तारीक हो रहा है कि मेह्‌र कब से निक़ाब में है

नहीं वोह मीठी निगाह वाला ख़ुदा की रह़मत है जल्वा फ़रमा
ग़ज़ब से उन के ख़ुदा बचाए जलाले बारी इ़ताब में है

जली जली बू से उस की पैदा है सोज़िशे इ़श्क़े चश्मे वाला
कबाबे आहू में भी न पाया मज़ा जो दिल के कबाब में है

उन्हीं की बू माय-ए-समन है, उन्हीं का जल्वा चमन चमन है
उन्हीं से गुलशन महक रहे हैं, उन्हीं की रंगत गुलाब में है

तेरी जिलौ में है माहे-त़यबा हिलाल हर मर्गो ज़िन्दगी का !
ह़यात जां का रिकाब में है, ममात आ’दा का डाब में है

सियह लिबासाने-दारे-दुन्या व सब्ज़ पोशाने-अ़र्शे-आ’ला
हर इक है उन के करम का प्यासा, येह फ़ैज़ उन की जनाब में है

वोह गुल हैं लबहा-ए-नाज़ुक उन के, हज़ारों झड़ते हैं फूल जिन से
गुलाब गुलशन में देखे बुलबुल, येह देख गुलशन गुलाब में है

जली है सोज़े जिगर से जां तक, है त़ालिबे जल्वए मुबारक
दिखा दो वोह लब कि आबे ह़ैवां का लुत़्फ़ जिन के ख़ित़ाब में है

खड़े हैं मुन्कर नकीर सर पर. न कोई ह़ामी न कोई यावर !
बता दो आ कर मेरे पयम्बर कि सख़्त मुश्किल जवाब में है

ख़ुदाए क़ह्हार है ग़ज़ब पर, खुले हैं बदकारियों के दफ़्तर
बचा लो आ कर शफ़ीए़ मह़शर, तुम्हारा बन्दा अ़ज़ाब में है

करीम ऐसा मिला कि जिस के खुले हैं हाथ और भरे ख़ज़ाने
बताओ ऐ मुफ़्लिसो ! कि फिर क्यूं तुम्हारा दिल इज़्त़िराब में है

गुनह की तारीकियां येह छाईं, उमंड के काली घटाएं आईं
ख़ुदा के ख़ुरशीद मेह्‌र फ़रमा कि ज़र्रा बस इज़्त़िराब में है

करीम अपने करम का सदक़ा लईमे बे क़द्र को न शरमा

तू और रज़ा से ह़िसाब लेना, रज़ा भी कोई ह़िसाब में है 

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