अये खत्मे रसूल मक्की मदनी हिन्दी नात लिरिक्स 2022 - Naat Lyrics World
अये खत्मे रसूल मक्की मदनी
अये खत्मे रसूल मक्की मदनी
कौनैन में तुमसा कोई नहीं
अये नूरे मुजस्सम तुज जैसा
महबूब खुदा का कोई नहीं
औसाफ़ तो सब ने पाए हैं
पर हुस्न में तुमसा कोई नहीं
आदम से जनाबे इसा तक
सरकार के जैसा कोई नहीं
तू है ख़ुर्शीदे रिसालत प्यारे
छुप गए हैं तेरी विला में तारे
अम्बिया और हैं सब माह पारे
तुज से ही नूर लिया करते हैं
औसाफ़ तो सब ने पाए हैं
पर हुस्न में तुमसा कोई नहीं
वो कंवारी पाक मरियम
वो नाफखतो फ़ीहि का दम
है अजब निशाने आज़म
मगर आमेना का जाया
तूही सब से अफ़ज़ल आया
नबी तो साईल हैं सब से आला
हैं रुतबे सबके बुलंदो बाला
मगर जो आखिर में आमेना का
वो लाल आया कमाल आया
औसाफ़ तो सब ने पाए हैं
पर हुस्न में तुमसा कोई नहीं
आदम से जनाबे इसा तक
सरकार के जैसा कोई नहीं
चश्मे रहमत बा-कुशा सू-इ-मानंदाज़े नज़र
अये कुरैशी लकबो हशामिओ मुत्तलिबी
जिस तरफ उठ गयी, दम में दम आ गया
उस निगाहे इनायत पे लाखों सलाम
हो जाए अगर एक चश्मे करम
महशर में हमारी लाज रहे
अये शाफ़ा-इ-महेशर तेरे सिवा
बख्शीश का सिला कोई नहीं
खैरात मुहम्मद से पा कर
किस शान से कहते हैं मंगते
दुखियों पे करम करने वाला
सरकार से अच्छा कोई नहीं
कौनैन में तुमसा कोई नहीं
अये नूरे मुजस्सम तुज जैसा
महबूब खुदा का कोई नहीं
औसाफ़ तो सब ने पाए हैं
पर हुस्न में तुमसा कोई नहीं
आदम से जनाबे इसा तक
सरकार के जैसा कोई नहीं
तू है ख़ुर्शीदे रिसालत प्यारे
छुप गए हैं तेरी विला में तारे
अम्बिया और हैं सब माह पारे
तुज से ही नूर लिया करते हैं
औसाफ़ तो सब ने पाए हैं
पर हुस्न में तुमसा कोई नहीं
वो कंवारी पाक मरियम
वो नाफखतो फ़ीहि का दम
है अजब निशाने आज़म
मगर आमेना का जाया
तूही सब से अफ़ज़ल आया
नबी तो साईल हैं सब से आला
हैं रुतबे सबके बुलंदो बाला
मगर जो आखिर में आमेना का
वो लाल आया कमाल आया
औसाफ़ तो सब ने पाए हैं
पर हुस्न में तुमसा कोई नहीं
आदम से जनाबे इसा तक
सरकार के जैसा कोई नहीं
चश्मे रहमत बा-कुशा सू-इ-मानंदाज़े नज़र
अये कुरैशी लकबो हशामिओ मुत्तलिबी
जिस तरफ उठ गयी, दम में दम आ गया
उस निगाहे इनायत पे लाखों सलाम
हो जाए अगर एक चश्मे करम
महशर में हमारी लाज रहे
अये शाफ़ा-इ-महेशर तेरे सिवा
बख्शीश का सिला कोई नहीं
खैरात मुहम्मद से पा कर
किस शान से कहते हैं मंगते
दुखियों पे करम करने वाला
सरकार से अच्छा कोई नहीं
अये खत्मे रसूल मक्की मदनी
कौनैन में तुमसा कोई नहीं
अये नूरे मुजस्सम तुज जैसा
महबूब खुदा का कोई नहीं
कौनैन में तुमसा कोई नहीं
अये नूरे मुजस्सम तुज जैसा
महबूब खुदा का कोई नहीं
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