रोज़ी ख़ुदा ने दी है, खिलाते हैं मुस्तफ़ा hindi naat lyrics (Updated)

 रोज़ी ख़ुदा ने दी है, खिलाते हैं मुस्तफ़ा hindi naat lyrics


रोज़ी ख़ुदा ने दी है, खिलाते हैं मुस्तफ़ा details- रोज़ी ख़ुदा ने दी है, खिलाते हैं मुस्तफ़ा hindi naat lyrics is one of the magnificent naat of all time Recited by Azam Iqbal sahab Rampur. Hope, you will like it.


रोज़ी ख़ुदा ने दी है, खिलाते हैं मुस्तफ़ा
दुनिया है ये ख़ुदा की, चलाते हैं मुस्तफ़ा

कितने अमीर हो के भी तयबा न जा सके
जाते वही हैं जिन को बुलाते हैं मुस्तफ़ा

पढ़ कर दुरूद रात में सो जाओ बा-वुज़ू
मैंने सुना है ख़्वाब में आते हैं मुस्तफ़ा

आओ चलें मदीना, बुलाते हैं मुस्तफ़ा
सीने से ग़मज़दों को लगाते हैं मुस्तफ़ा

है बचपने की उम्र मगर काम देखिए
ऊँगली पे अपनी चाँद नचाते हैं मुस्तफ़ा





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