रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में hindi naat lyrics | Hindi naat lyrics

 



इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !
रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !

अल्लाह का एहसान है, 'अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

जन्नत के दरवाज़े खुलते हैं माह-ए-रमज़ान में
बख़्शिश के परवाने बटते हैं माह-ए-रमज़ान में
मैं भी बख़्शिश का परवाना पाऊँगा रमज़ान में
मैं भी बख़्शिश का परवाना पाऊँगा रमज़ान में

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !
रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !

हर बच्चे की ख़्वाहिश होती है रोज़ा-कुशाई की
कहता है ये हर बच्चा कब मेरी बारी आएगी
मैं भी रोज़े की लज़्ज़त को पाऊँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूंगा रमज़ान में

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !
रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !


दिन में रोज़े रख कर जो रातों को तरावीह पढ़ता है
मौला उस के पिछले सब जुर्मों की बख़्शिश करता है
अपने गुनाहों की माफ़ी करवाऊँगा रमज़ान में
अपने गुनाहों की माफ़ी करवाऊँगा रमज़ान में

अल्लाह का एहसान है, 'अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

जाने या अनजाने में दिल जिस का मैंने तोड़ा है
रूठ के मुझ से जिस भाई ने अपने रुख़ को मोड़ा है
माफ़ी माँग के उन सब को मनाऊँगा रमज़ान में
माफ़ी माँग के उन सब को मनाऊँगा रमज़ान में

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !
रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !

माह-ए-रमज़ाँ में आक़ा भरपूर सख़ा फ़रमाते थे
हर साइल को भर भर के सरकार 'अता फ़रमाते थे
'अज़्म किया है ये सुन्नत अपनाऊँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !
रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !

जो ग़ुर्बत में फटे-पुराने कपड़े पहने रहते हैं
देख के हुलिया जिन को सब दीवाना कहते रहते हैं
उन नादारों को कपड़ा पहनाऊँगा रमज़ान में
उन नादारों को कपड़ा पहनाऊँगा रमज़ान में

अल्लाह का एहसान है, 'अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

आख़री 'अशरे में जो भी कर लेता है ए'तिकाफ़
दो हज, दो 'उम्रे का मिलता है उस को अज्र-ओ-सवाब
सारी दुनिया वालों को बतलाऊँगा रमज़ान में
सारी दुनिया वालों को बतलाऊँगा रमज़ान में

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में

रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !
रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान ! रमज़ान !

अल्लाह का एहसान है, 'अता किया रमज़ान है
शुक्र-ए-मौला करते रहना मोमिन की पहचान है

इंशा-अल्लाह ! सारे रोज़े रखूँगा रमज़ान में
नमाज़ पढ़ के रब को राज़ी कर लूँगा रमज़ान में



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