लुटाते ख़ूब हैं दौलत 'अली के दीवानें Manqabat Hindi Lyrics

लुटाते ख़ूब हैं दौलत 'अली के दीवानें
हैं करते अब भी हुकूमत 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

पछाड़ देते हैं हर जंग में ल'ईनों को
जो फाड़ देते हैं आ'दा-ए-दीं के सीनों को
हैं रखते ऐसी सुजा'अत 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

जो वक़्त पड़ता है घर-बार भी लुटाते हैं
रिज़ा-ए-रब के लिए सर को भी कटाते हैं
मगर न झुकते हैं हज़रत 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

है कोई ग़ौस, कोई कर्बला का दूल्हा है
कोई है दाता, कोई हिन्द का शहंशा है
हैं ऐसे साहिब-ए-'इज़्ज़त 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

मुनाफ़िक़ीन है डरते 'अली के ना'रे से
शयातीं सर है पकड़ते 'अली के ना'रे से
लगा के पाते हैं लज़्ज़त 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

उठाए ऊँगली जो सिद्दीक़ की सदाक़त पर
नबी के यार, 'उमर साहिब-ए-'अदालत पर
तो इस से करते हैं नफ़रत 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

क़याम भीक है पाता 'अली के लालों की
तलब नहीं है ज़र-ओ-माल के उजालों की
क़दम में रखते हैं सरवत 'अली के दीवानें

'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें
'अली के दीवानें, 'अली के दीवानें

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