होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का - Hindi naat Lyrics

 होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का - Hindi naat Lyrics


होता अगर ज़मीन पर साया रसूल का
फिर पाओं उम्मती कहाँ रखता रसूल का

पढ़ते हैं यूँ तो ग़ैर भी कलमा रसूल का
जन्नत उसे मिलेगी जो होगा रसूल का

करते हैं एहतिराम जनाज़े का इस लिए
वो जा रहा है देखने चेहरा रसूल का

दुनिया को देखना भी गवारा नहीं किया
जब तक 'अली ने देखा न चेहरा रसूल का

शेर-ए-ख़ुदा न बनता तो बनता भी और क्या ?
बचपन से ही तो था ये पाला रसूल का

ना'रा रज़ा का लगता है दुनिया में इस लिए
अहमद रज़ा के लब पे था ना'रा रसूल का

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