ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए - hindi naat lyrics
करूँ तेरे नाम पे जाँ फ़िदा
न बस एक जाँ, दो जहाँ फ़िदा
दो जहाँ से भी नहीं जी भरा
करूँ क्या करोड़ों जहाँ नहीं
ये इक जान क्या है, अगर हों करोड़ों
तेरे नाम पर सब को वारा करूँ मैं
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
ये दिल है याद-ए-नबी से सँवारने के लिए
ज़ुबाँ है हर घड़ी उन को पुकारने के
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
हयात 'इश्क़ में उन के गुज़ारिए ऐसे
वो ख़ुद ही आएँ लहद में उतारने के लिए
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
सुकूँ नहीं है मुयस्सर जिन्हें, बताओ उन्हें
नबी का ज़िक्र है सीनों को ठारने के लिए
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
मैं इस यक़ीन से उन पर दुरूद पढ़ता हूँ
सहारा देंगे वो पुल से गुज़ारने के लिए
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
फ़क़त हुरूफ़ मिला कर तो ना'त बनती नहीं
अदब ज़रूरी है ना'तें निखारने के लिए
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
दर-ए-बतूल से बासित न भीक क्यूँ माँगे
मिला है दर यही दामन पसारने के लिए
ये ज़िंदगी है मुहम्मद पे वारने के लिए
ये सर है सदक़ा नबी का उतारने के लिए
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