करम ही करम 2021 Lyrics in hindi | khus bu e madina

 


मुझे आपने बुलाया ये करम नहीं तो क्या है

मेरा भरतबा बढ़ाया ये करम नहीं तो क्या है

मैं ग़मों की धूप में जब तेरा नाम लेके निकला
मिला रहमतों का साया ये करम नहीं तो क्या है

मुझे जब भी ग़म ने घेरा मेरा साथ सबने छोड़ा
तू मेरी मदद को आया ये करम नहीं तो क्या है

मैं भटक के रह गया था कहीं और बह गया था
मुझे रास्ता दिखाया ये करम नहीं तो क्या है

ये शरफ बड़ा शरफ है तेरा रूख मेरी तरफ है
मुझे नात ख़्वाँ बनाया ये करम नहीं तो क्या है

मुझे हौस्ले वह बख़्शे तेरे कुर्ब के यकीं ने
मैं ग़मों में मुस्कुराया ये करम नहीं तो क्या है

दरे मुस्तफा से अन्जुम मैं खुद आ गया मेरा दिल

 कभी लौट कर न आया ये करम नहीं तो क्या है

 By: Naat Lyrics World


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