सुनते
हैं कि महशर में सिर्फ उनकी रसाई है
गर उनकी रसाई है लो जब तो बन आई है
सब ने सफे महशर में ललकार दिया हम को
ऐ बेकसों के आका अब तेरी दुहाई है
यूं तो सब उन्हीं का है पर दिल की अगर पूछो
यह टुटे हुए दिल ही खास उनकी कमाई है
ऐ दिल ये सुलगना क्या जलना है तो जल भी उठ
दम घुटने लगा ज़ालिम क्या धूनी रमाई है
तैबा न सही अफ़ज़ल मक्का ही बड़ा जाहिद
हम इश्क के बन्दे हैं क्यों बात बढ़ाई है
मतलअ में ये शक क्या था वल्लाह रजा वल्लाह
सिर्फ उनकी रसाई है सिर्फ़ उनकी रसाई है

0 Comments