हरा गुम्बद जो देखोगे, ज़माना भूल जाओगे / Hara Gumbad Jo Dekhoge, Zamaana Bhool Jaoge

 



हरा गुम्बद जो देखोगे, ज़माना भूल जाओगे
अगर तयबा को जाओगे, तो आना भूल जाओगे

न इतराओ ज़्यादा चाँद तारो अपनी रंगत पर 
मेरे आक़ा को देखोगे चमकना भूल जाओगे

हरा गुम्बद जो देखोगे, ज़माना भूल जाओगे 
अगर तयबा को जाओगे, तो आना भूल जाओगे

अगर तुम गौर से मेरे नबी की नात सुन लोगे
मेरा दावा है तुम गाना-बजाना भूल जाओगे

हरा गुम्बद जो देखोगे, ज़माना भूल जाओगे
अगर तयबा को जाओगे, तो आना भूल जाओगे


तुम्हारे सामने होगा कभी जब गुम्बद-ए-खज़रा 
नज़र जम जाएगी उस पर, उठाना भूल जाओगे

हरा गुम्बद जो देखोगे, ज़माना भूल जाओगे 
अगर तयबा को जाओगे, तो आना भूल जाओगे

हदीस-ए-मुस्तफ़ा पर तुम जो हो जाओ अमल- पैरा 
क़सम अल्लाह की! माँ को सताना भूल जाओगे

हरा गुम्बद जो देखोगे, ज़माना भूल जाओगे 
अगर तयबा को जाओगे, तो आना भूल जाओगे

Post a Comment

0 Comments