अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है - Hindi naat Lyrics
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
बख़्शिश का मिला सामाँ, रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
पाबंदी नमाज़ों की हर आन तू करना और
पढ़ पढ़ के सुना क़ुरआँ, रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
हम लाख ख़ताओं में मसरूफ़ रहे लेकिन
अब बख़्श दे, ए रहमाँ ! रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
इस माह में जन्नत के दरवाज़े खुले सारे
और क़ैद हुआ शैताँ, रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
जितनी भी कमानी है नेकी, तू कमा लेना
दिन तीस का बस मेहमाँ रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
सत्तर के बराबर है हर छोटी बड़ी नेकी
रहमत से मुनव्वर, हाँ ! रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
जो लेना है वो ले ले इस तंगी-ए-दामाँ में
क्यूँ सोच रहा नादाँ, रमज़ान मुबारक है
अल्लाह तेरा एहसाँ, रमज़ान मुबारक है
बेख़ुद ! जो मिला तुझ को इस साल महीना ये
कर शुक्र-ए-ख़ुदा हर आँ, रमज़ान मुबारक है
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