समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है - Hindi Naat lyrics - Naat Lyrics World
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
ख़ुशा ! माह-ए-रमज़ान फिर आ गया है
दर-ए-रहमत इक बार फिर वा हुवा है
ये क़ुरआन रमज़ाँ में नाज़िल हुवा है
इसी में शब-ए-क़द्र की भी 'अता है
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
ख़ुदा के करम से खुले बाब-ए-रहमत
हर इक बाब-ए-दोज़ख़ को ताला पड़ा है
मसर्रत के बादल उमँड कर के आए
ख़ुशी से दिल-ए-ग़मज़दा खिल उठा है
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
जो सरकश शयातीन बाँधे गए हैं
तो रमज़ाँ में शैताँ भी क़ैदी बना है
फ़ज़ाएँ मुनव्वर, समाँ कैफ़-आवर
हर इक लम्हा रमज़ाँ का रौनक़ भरा है
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
'इबादत में लज़्ज़त, तिलावत में रिक़्क़त
जो है बख़्त बेदार वो पा रहा है
दीवानों को रोज़ों, नमाज़ों में लज़्ज़त
दु'आओं में भी क्या मज़ा आ रहा है
जो है 'आशिक़-ए-सादिक़-ए-माह-ए-रमज़ाँ
वो जन्नत की जानिब बढ़ा जा रहा है
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
सभी रोज़ादारों की, हर मो'तकिफ़ की
तू कर मग़्फ़िरत, इल्तिजा, या ख़ुदा ! है
मैं 'इश्क़-ए-मुहम्मद में रोया करूँ, काश !
ख़ुदा ! तुझ से ये बहर-ए-रमज़ाँ दु'आ है
करूँ हर बरस हज, मदीना भी देखूँ
प-ए-माह-ए-रमज़ाँ, ख़ुदाया ! दु'आ है
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
इलाही ! बना 'आशिक़-ए-माह-ए-रमज़ाँ
तुझे मदनी सरकार का वासिता है
ग़म-ए-माह-ए-रमज़ाँ से कर दे मुशर्रफ़
तू 'अत्तार को, या ख़ुदा ! इल्तिजा है
समाँ आज हर सम्त ख़ुशियों भरा है
नज़र चाँद रमज़ान का आ गया है
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