चारों तरफ़ है रौशनी, रमज़ान की आमद हुई - Hindi Naat Lyrics - Naat Lyrics World
आमद-ए ! आमद-ए ! आमद-ए-रमज़ान !
आमद-ए ! आमद-ए ! आमद-ए-रमज़ान !
चारों तरफ़ है रौशनी, रमज़ान की आमद हुई
खिलने लगी दिल की कली, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
दुनिया के पीछे मत पड़ो, रोज़े रखो, मस्जिद चलो
करते रहो ज़िक्र-ए-नबी, रमज़ान की आमद हुई
खिलने लगी दिल की कली, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
जो माँगना है माँग लो, रहमत ख़ुदा की लूट लो
होगी दु'आ पूरी सभी, रमज़ान की आमद हुई
होंटों पे है क़ुरआँ सजा, हर कोई है नग़्मा-सरा
दिल से सदा निकली यही, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
माँ-बाप की 'इज़्ज़त करो, इन से दु'आएँ ख़ूब लो
इस में है आक़ा की ख़ुशी, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
इफ़्तार-ओ-सहरी का मज़ा, फ़ज़्ल-ए-ख़ुदा से है मिला
मौला ने दी फिर ये ख़ुशी, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
फैला 'अजब रंग-ए-वफ़ा, हर सम्त रहमत की फ़ज़ा
हर लब पे है ये नग़्मगी, रमज़ान की आमद हुई
खिलने लगी दिल की कली, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
या रब ! दु'आ मक़्बूल हो, आक़ा को भी मंज़ूर हो
तफ़्सीर की ये शा'इरी, रमज़ान की आमद हुई
खिलने लगी दिल की कली, रमज़ान की आमद हुई
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए-रमज़ान है ! आमद-ए-रमज़ान है !
आमद-ए ! आमद-ए ! आमद-ए-रमज़ान !
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