मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
हम ने तो देखनी है फ़क़त निस्बत-ए-नबी
है उन के क़ुर्ब वालों में नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
लेता हूँ इस लिए तो मैं नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
हसन के दस्त-ए-पाक से बने ख़लीफ़ा-ए-रसूल
रिज़ा-ए-आल-ए-मुस्तफ़ा ख़िलाफ़त-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
लेता हूँ इस लिए तो मैं नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
हाथों में उन के हाथ न देते कभी हसन
एक भी न ठीक होता जो काम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
लेता हूँ इस लिए तो मैं नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
निकली है उन की मद्ह ज़बान-ए-हुज़ूर से
है किस क़दर बुलंद मक़ाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
लेता हूँ इस लिए तो मैं नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
बज़्म-ए-सहाबियत के वो दोनों सिराज हैं
उन के निशान-ए-पा सर-ए-मोमिन के ताज हैं
बेशक 'अली हमारे, हमारे मु'आविया
अल्लाह और रसूल के प्यारे मु'आविया
मौला 'अली ने माना न उन को कभी बुरा
वो भी अदब से लेते थे नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
लेता हूँ इस लिए तो मैं नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
ये है रज़ा का फ़ैज़ कि राशिद के हाथ में
हुब्ब-ए-'अली की मय है और जाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
लेता हूँ इस लिए तो मैं नाम-ए-मु'आविया
मैं हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम-ए-मु'आविया
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