इक बहन के ना'रे ने दुनिया लरज़ाई है
शेरों के क़बीले की आग़ोश के पाले हैं
बातिल से नहीं डरते, हम लोग जियाले हैं
अंधों को ख़बर क्या है, क्या है ये हिजाब अपना
तहज़ीब के आँचल में 'अज़मत के उजाले हैं
शेरों के क़बीले की आग़ोश के पाले हैं
बातिल से नहीं डरते, हम लोग जियाले हैं
मुस्कान ! तेरे जैसी हो क़ौम की हर बेटी
मिल्लत के सभी सपने अब तेरे हवाले हैं
शेरों के क़बीले की आग़ोश के पाले हैं
बातिल से नहीं डरते, हम लोग जियाले हैं
ग़ैरत को जगाता है पैग़ाम ओवैसी का
दुश्मन का ग़ुरूर अब तो हम तोड़ने वाले हैं
शेरों के क़बीले की आग़ोश के पाले हैं
बातिल से नहीं डरते, हम लोग जियाले हैं
इस बिन्त-ए-हव्वा के किरदार ने दिल जीता
बातिल के झुरमुट में ललकार ने दिल जीता
हम को ये टपकती छत क्या ख़ाक डराएगी
हम ने तो समंदर भी, दरिया भी खंगाले हैं
शेरों के क़बीले की आग़ोश के पाले हैं
बातिल से नहीं डरते, हम लोग जियाले हैं
अश'आर, सलीम ! अपने हस्सान के लहजे में
ज़हरीले 'अनासिर को ललकारने वाले हैं
अश'आर, सलीम ! अपने 'इमरान के लहजे में
ज़हरीले 'अनासिर को ललकारने वाले हैं
शेरों के क़बीले की आग़ोश के पाले हैं
बातिल से नहीं डरते, हम लोग जियाले हैं
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