आप हैं बहार, या नबी ! |Aap Hain Bahaar Ya Nabi, Dil Ka Hain Qaraar Ya Nabi

आप हैं बहार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

हैं रुत्बे आप की वजह
जितने आए अम्बिया
आप हैं सालार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

आप हैं बहार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

चेहरे पे हों रौनक़ें
लब ख़ुशी से खिल उठें
कहूँ मैं जितनी बार, 'या नबी'
दिल का हैं क़रार, या नबी !

आप हैं बहार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

जब तलक है जाँ में जाँ
मिले जो दूसरा जहाँ
करूँ मैं तुझ से प्यार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

आप हैं बहार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

शफ़ा'अतों की ख़ैर दे
अपनी कमली के तले
छुपाएँ ख़ाकसार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

आप हैं बहार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

कहे न क्यूँ ये हैदरी
अबू-बकर, 'उमर, ग़नी
'अली भी तेरे यार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !

आप हैं बहार, या नबी !
दिल का हैं क़रार, या नबी !


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