तू करीम है, ख़ुदा !
तू 'अलीम-ओ-हलीम है
तू 'अज़ीम है, अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
मैं गुनहगार हूँ, तू ग़फ़्फ़ार है, मौला !
मैं सियाह-कार हूँ, तू सत्तार है, मौला !
हर एक जुर्म से तू कर दे मुझे रिहा
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
लाचार जो हुए हैं, बीमार जो पड़े हैं
सर को झुकाए, मौला ! तेरे दर पे आ खड़े हैं
हर एक मर्ज़ से तू दे दे उन्हें शिफ़ा
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
तेरे हसीन दर का, तुझे वास्ता है, या रब !
पंज-तन के पाक घर का, तुझे वास्ता है, या रब !
तेरा ज़िक्र मेरे लब पर जारी रहे सदा
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
जब हाज़ी और अहमद, रंज-ओ-अलम से हारे
'ला तक़्नतू' से हम को है मिले तेरे सहारे
ब-तुफ़ैल-ए-आक़ा कर दे तू दूर हर बला
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
अल्लाह ! अल्लाह ! अल्लाह !
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