ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
'आशिक़ों का दिल आज बोल उठा
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
गर 'अदू-ए-दीन का दिल जले, या दिलरुबा !
रुक सका न रुक सके, जश्न ग़ौस-ए-पाक का
हम मनाएँगे, बा-ख़ुदा ! सदा
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
महफ़िलों का दौर है, हर गली में शोर है
ख़ूब कीजिए नियाज़, सुन्नियों का तौर है
फ़ज़्ल-ए-किब्रिया, शान-ए-औलिया
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ये करामतें भी, हाँ ! देखी हम ने बारहा
ग़ौस-ए-पाक ने वली चोर को बना दिया
उन का नक़्श-ए-पा चूमे औलिया
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
जलने वाला तो जले, उस का हम भी क्या करें
महफ़िलों में ना'रा अब ग़ौस-ए-पाक का लगे
ना'रा ग़ौस का, झूम कर लगा
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
इस का फ़ैज़ ग़ैर भी रात-दिन उठा रहे
जिन्न-ओ-इंसां 'इश्क़ में जश्न ये मना रहे
'इश्क़ की जज़ा, बुग़्ज़ की सज़ा
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
उन की ज़ात बा-वक़ार, उन का नाम शानदार
बेख़ुद-ए-हज़ीं ! मिला उन के ज़िक्र से क़रार
कैसे छोड़ दूँ, फिर बता ज़रा
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
ग़ौस का करम, ग़ौस की 'अता
ग्यारहवीं शरीफ़, ग्यारहवीं शरीफ़
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