मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
ख़्वाजा पिया हैं जग उजियारे
आल-ए-नबी, ज़हरा के दुलारे
जान-ए-'अली हैं ख़्वाजा, इब्न-ए-सख़ी हैं
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
आज मोरे घर धूम मची है
ख़्वाजा पिया की शादी रची है
दूल्हा बने हैं ख़्वाजा-उस्माँ के प्यारे
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
ख़्वाजा क़ुतुब हैं आज यहाँ पर
झूम रहे हैं सारे क़लंदर
बाबा फ़रीद भी आए हुए हैं
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
मन में ख़ुशी के फूल खिले हैं
आज मोहे मोरे ख़्वाजा मिले हैं
ख़ुशियाँ मनाओ, सखियो ! झूम के गाओ
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
सोने का दियारा मैं चौमुख बारूँ
अपने ख़्वाजा के मैं तन मन वारूँ
आयो री आयो, मोरे भाग जगायो
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
मोरे अंगना मो'ईनुद्दीन आयो री
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