कुछ करें अपने यार की बातें
कुछ दिल-ए-दाग़दार की बातें
हम तो दिल अपना दे ही बैठे हैं
अब ये क्या इख़्तियार की बातें
मैं भी गुज़रा हूँ दौर-ए-उल्फ़त से
मत सुना मुझ को प्यार की बातें
अहल-ए-दिल ही यहाँ नहीं कोई
क्या करें हाल-ए-ज़ार की बातें
पी के जाम-ए-मोहब्बत-ए-जानाँ
अल्लाह अल्लाह ! ख़ुमार की बातें
मर न जाना मता'-ए-दुनिया पर
सुन के तू मालदार की बातें
यूँ न होते असीर-ए-ज़िल्लत तुम
सुनते गर होशियार की बातें
हर घड़ी वज्द में रहे अख़्तर
कीजिए उस दयार की बातें
कुछ दिल-ए-दाग़दार की बातें
हम तो दिल अपना दे ही बैठे हैं
अब ये क्या इख़्तियार की बातें
मैं भी गुज़रा हूँ दौर-ए-उल्फ़त से
मत सुना मुझ को प्यार की बातें
अहल-ए-दिल ही यहाँ नहीं कोई
क्या करें हाल-ए-ज़ार की बातें
पी के जाम-ए-मोहब्बत-ए-जानाँ
अल्लाह अल्लाह ! ख़ुमार की बातें
मर न जाना मता'-ए-दुनिया पर
सुन के तू मालदार की बातें
यूँ न होते असीर-ए-ज़िल्लत तुम
सुनते गर होशियार की बातें
हर घड़ी वज्द में रहे अख़्तर
कीजिए उस दयार की बातें
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