कुछ करें अपने यार की बातें | Kuchh Karein Apne Yaar Ki Baatein

कुछ करें अपने यार की बातें
कुछ दिल-ए-दाग़दार की बातें

हम तो दिल अपना दे ही बैठे हैं
अब ये क्या इख़्तियार की बातें

मैं भी गुज़रा हूँ दौर-ए-उल्फ़त से
मत सुना मुझ को प्यार की बातें

अहल-ए-दिल ही यहाँ नहीं कोई
क्या करें हाल-ए-ज़ार की बातें

पी के जाम-ए-मोहब्बत-ए-जानाँ
अल्लाह अल्लाह ! ख़ुमार की बातें

मर न जाना मता'-ए-दुनिया पर
सुन के तू मालदार की बातें

यूँ न होते असीर-ए-ज़िल्लत तुम
सुनते गर होशियार की बातें

हर घड़ी वज्द में रहे अख़्तर
कीजिए उस दयार की बातें

 


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