वो जो चाहें चाँद को तोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया हिंदी लिरिक्स | Wo Jo Chaahen Chaand Ko Tod Den Lyrics

वो जो चाहें चाँद को तोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया
वो फिर उस के टुकड़ों को जोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया

जो 'अली की 'अस्र क़ज़ा हुई, तो वो वक़्त पर ही अदा हुई
छुपे आफ़ताब को मोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया

किसी उम्मती को सक़र के रुख़ लिए जा रहे हों मलाइका
वो पकड़ के ख़ुल्द को मोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया

वो नबी की मुट्ठी का मो'जिज़ा कि 'वमा रमैत' कहे ख़ुदा
वो निगाह कुफ़्र की फोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया

लिखो, नाज़िश ! उन का ये मो'जिज़ा कि किसी की आँख निकल गई
तो लु'आब-ए-पाक से जोड़ दें, उन्हें इख़्तियार दिया गया

 


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