6 जरूरी मसाईल तहारत के बारे में

 
खुशामदीद इंशाल्लाह आज के इस आर्टिकल में, मैं आपको बताऊंगा तहारत के बारे में 6 जरूरी मसाइल जिन का जानना आपके लिए बेहद जरूरी है और इसके साथ-साथ मैं समझता हूं कि इंशाल्लाह यह आर्टिकल आपको बड़ा ही पसंद आएगा, आर्टिकल आपको पसंद आए तो इसे लाइक और शेयर करें।

6 जरूरी मसाईल तहारत के बारे में 

6 जरूरी मसाईल तहारत के बारे में


1. मसअला

जिस जगह (स्थान) नमाज़ पढ़ता हो उसके पाक होने से मुराद येह है कि क़दम (पाव) की जगह और मवद-ए-सजदा या'नी सजदा करते वक़्त बदन "के जो अंग ज़मीन से लगते हों, उन अंगों के ज़मीन से लगने की जगह पाक 'होना है' (दुर्रे मुख्तार बहारे - शरीअत)


2. मसअला

नमाज़ पढ़नेवाले के एक क़दम (पाव) के नीचे दिरहम के मात्रा से ज्यादा "नजासत (नापाकी) है, तो नमाज़ न होगी. यूँही दोनों क़दम के नीचे थोड़ी "थोड़ी नजासत है और उनको मिलाने (जोड़ने) से एक दिरहम की मिकदार (मात्रा) हो जाएगी, तो भी नमाज़ न होगी. '        


3. मसअला

पैशानी (ललाट) पाक जगह पर हैं और नाक नजिस जगह पर है, तो नमाज़ हो जाएगी क्योंकि नाक दिरहम की मिकदार से कम जगह पर लगती है और बिला ज़रुरत और बिला मजबूरी येह भी मकरूह है.' (रद्दल मुख्तार)


4. मसअला

अगर सजदा करने में कुर्ता या कमीज़ (शर्ट) का दामन वगैरह नजिस जगह पर पड़ते हों तो हर्ज नहीं. (दुर्रे मुख्तार)


5. मसअला

अगर नजिस जगह पर ऐसा बारीक कपडा बिछा कर नमाज़ पढ़ी कि वोह . कपड़ा सतर (अंग) ढांपने के काम में नहीं आ सकता या 'नी उसके नीचे की चीज़ जलकती हो तो नमाज़ न होगी. और शीशा (कांच / Glass) पर नमाज़ पढ़ी और उसके नीचे नजासत है, अगरचे नुमाया (स्पष्ट) हो, तो भी नमाज़ हो . जाएगी. (बहारे शरीअत )


6. मसअला

'अगर मौटा (Thick) कपड़ा नजिस जगह पर बिछाकर नमाज़ पढ़ी और नजासत खुश्क (सुखी हुई) है कि कपड़े में जजूब (शोषण) नहीं होती और नजासत की रंगत और बदबू (दुर्गन्ध) महेसुस नहीं होती तो नमाज़ हो 'जाएगी कि येह कपड़ा नजासत और नमाज़ी के दरमियान फासिल हो जाएगा.'


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