जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त - Hindi Naat Lyrics

 जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त 

जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त - Hindi Naat Lyrics


जोबनों पर है बहारे चमन आराइये दोस्त
खुल्द का नाम न ले बुलबुले शैदाइये दोस्त

थक के बैठे तो दरे दिल पे तमन्नाइये दोस्त
कौन से घर का उजाला नहीं ज़ैबाइये दोस्त

अर्सए हश्र कुजा मौक़िफ़े महमूद कुजा
साज़ हंगामों से रखती नहीं यक्ताइये दोस्त

मेह्र किस मुंह से जिलौ दारिये जानां करता
साए के नाम से बेज़ार है यक्ताइये दोस्त

मरने वालों को यहां मिलती है उम्रे जावेद
ज़िन्दा छोड़ेगी किसी को न मसीहाइये दोस्त

उन को यक्ता किया और ख़ल्क बनाई या' नी 
अन्जुमन कर के तमाशा करें तन्हाइये दोस्त


का 'बा व अर्श में कोहराम है नाकामी का
आह किस बज्म में है जल्वए यक्ताइये दोस्त

हुस्ने बे पर्दा के पर्दे ने मिटा रखा है
ढूंडने जाएं कहां जल्वए हरजाइये दोस्त

शौक़ रोके न रुके पाउं उठाए न उठे
कैसी मुश्किल में हैं अल्लाह तमन्नाइये दोस्त

शर्म से झुकती है मेहराब कि साजिद हैं हुज़ूर 
सज्दा करवाती है का 'बे से जबीं साइये दोस्त


ताज वालों का यहां खाक पे माथा देखा
सारे दाराओं की दारा हुई दाराइये दोस्त

तूर पर कोई, कोई चर्ख पे येह अर्श से पार
सारे बालाओं पे बाला रही बालाइये दोस्त

रन्जे आ' दा का रज़ा चारा ही क्या है जब उन्हें 
आप गुस्ताख़ रखे हिल्मो शिकैबाइये दोस्त

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