वो जिस के लिए महफ़िल-ए-कौनैन सजी है hindi lyric | Wo Jis Ke Liye Mehfil-e-Kaunain Saji Hai hindi lyric

 वो जिस के लिए महफ़िल-ए-कौनैन सजी है hindi lyric | Wo Jis Ke Liye Mehfil-e-Kaunain Saji Hai hindi lyric




वो जिस के लिए महफ़िल-ए-कौनैन सजी है

फ़िरदौस-ए-बरीं जिस के वसीले से बनी है
वो हाश्मी, मक्की, मदनी-उल-'अरबी है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

अल्लाह का फ़रमाँ, अलम् नश्रह़् लक स़द्रक
मंसूब है जिस से, व-रफ़'अना लक ज़िक्रक
जिस ज़ात का क़ुरआन में भी ज़िक्र-ए-जली है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

अहमद है, मुहम्मद है, वो ही ख़त्म-ए-रुसूल है
मख़दूम-ओ-मुरब्बी है, वो ही वाली-ए-कुल है
उस पर ही नज़र सारे ज़माने की लगी है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

व-श्शम्सुद्दुहा चेहरा-ए-अनवर की झलक है
वलैल सजा गेसू-ए-हज़रत की लचक है
'आलम को ज़िया जिस के वसीले से मिली है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

मुज़म्मिल-ओ-यासीन व मुदद्स़्स़िर-ओ-त़ाहा
क्या क्या नए अल्क़ाब से मौला ने पुकारा
क्या शान है उस की, कि जो उम्मी-लक़बी है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

यासीन-ओ-मुज़म्मिल-ओ-मुदद्स़्स़िर और त़ाहा
क्या क्या नए अल्क़ाब से मौला ने पुकारा
क्या शान है उस की, कि जो उम्मी-लक़बी है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

वो ज़ात कि जो मज़हर-ए-लौलाक-लमा है
जो साहिब-ए-रफ़रफ़ शब-ए-मे'राज हुआ है
असरा में इमामत जिसे नबियों की मिली है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

किस दर्जा ज़माने में थी मज़लूम ये औरत
फिर जिस की बदौलत मिली इसे 'इज़्ज़त-ओ-रिफ़'अत
वो मोहसिन-ओ-ग़म-ख़्वार हमारा ही नबी है
वो मेरा नबी, मेरा नबी, मेरा नबी है

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