मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा हिंदी लिरिक्स 2022 | मन्क़बते आला हज़रत लिरिक्स
मेरे रज़ा ! मीठे रज़ा ! सोहणे रज़ा ! मुर्शिद रज़ा !
रज़ा रज़ा राज़ा ! रज़ा रज़ा राज़ा !
रज़ा रज़ा राज़ा ! रज़ा रज़ा राज़ा !
रज़ा रज़ा रज़ा रज़ा रज़ा रज़ा !
रज़ा रज़ा रज़ा रज़ा रज़ा रज़ा !
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
घर घर चराग़-ए-'इश्क़ जलाया रज़ा ने है
ईमान और 'अक़ीदा बचाया रज़ा ने है
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मुर्शिद है रज़ा रज़ा !
रहबर है रज़ा रज़ा !
क़ाइद है रज़ा रज़ा !
मोहसिन है रज़ा रज़ा !
सोचा है रज़ा रज़ा !
लिखा है रज़ा रज़ा !
समझा है रज़ा रज़ा !
करना है रज़ा रज़ा !
जब जब क़लम उठाया लिखी शान-ए-मुस्तफ़ा
ग़ैरों के हक़ में इस ने कभी कुछ नहीं लिखा
वो है इमाम-ए-'इश्क़-ओ-मोहब्बत, है बा-वफ़ा
'इश्क़-ए-नबी का जाम पिलाया रज़ा ने है
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
आल-ए-नबी की जिस घड़ी ख़ुश्बू इन्हें मिली
'इज़्ज़त की इन की आप ने, रुकवाई पालकी
काँधे पे इन को रख के घुमाया गली गली
क्या है अदब ये हम को सिखाया रज़ा ने है
है अटल फ़ैसला, सिर्फ़ ना'रा नहीं
जो रज़ा का नहीं वो हमारा नहीं
खोल कर कान सुन ले, ऐ गुस्ताख़-ए-दीं !
तू भी सुन ले, ऐ शैतान के हम-नशीं !
कोई रिश्ता हमारा तुम्हारा नहीं
जो रज़ा का नहीं वो हमारा नहीं
जिस में हुब्ब-ए-'अली का हो दा'वा फ़क़त
वो जो बाक़ी सहाबा को समझे ग़लत
उस ने ईमान दिल में उतारा नहीं
जो रज़ा का नहीं वो हमारा नहीं
अहल-ए-ईमाँ ! ज़रूरी है हुब्ब-ए-नबी
बा'द इन के न आएगा कोई नबी
इस पे समझौता, राग़िब ! गवारा नहीं
जो रज़ा का नहीं वो हमारा नहीं
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरे प्यारे आ'ला हज़रत !
मेरे प्यारे आ'ला हज़रत !
गुस्ताख़-ए-मुस्तफ़ा से न कुछ राब्ता रखो
चाहे वो बाप भाई या कोई 'अज़ीज़ हो
भेजो सलाम आक़ा पे, ना'तें पढ़ा करो
क्या ख़ूब 'इश्क़ हम को सिखाया रज़ा ने है
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा रज़ा बरेली में गर आया न होता
अल्लाह ही जाने हिन्द में फिर हाल क्या होता
मुन्किर नबी के दीन के सब चीखने लगे
जिस दम क़लम को अपने उठाया रज़ा ने है
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
दे कर फ़तावा-रज़विय्या, हक़ पर चला दिया
गुमराह, बद-'अक़ीदों से हम को बचा दिया
हर एक को नबी का दीवाना बना दिया
जन्नत के रास्ते पे चलाया रज़ा ने है
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
शौक़-ए-फ़रीदी ! सैफ़-ए-'उमर इस का है क़लम
तहरीर से है इस की 'अदू के दिलों में ग़म
लहराके 'इश्क़-ए-शाह का चारों तरफ़ 'अलम
आ'दा-ए-दीं का क़ल'आ गिराया रज़ा ने है
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मेरा क़ाइद है अहमद रज़ा
मुर्शिद है रज़ा रज़ा !
रहबर है रज़ा रज़ा !
क़ाइद है रज़ा रज़ा !
मोहसिन है रज़ा रज़ा !
सोचा है रज़ा रज़ा !
लिखा है रज़ा रज़ा !
समझा है रज़ा रज़ा !
करना है रज़ा रज़ा !
रज़ा रज़ा राज़ा ! रज़ा रज़ा राज़ा !
रज़ा रज़ा राज़ा ! रज़ा रज़ा राज़ा !
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