Hazrat Siddique Akbar Sari Ummat Ke Imam Hindi Lyrics
Hazrat Siddique Akbar Sari Ummat Ke Imam Hindi Lyrics
दम-ब-दम मेरी तरफ़ से उन की ख़िदमत में सलाम
अपने घर का सब असासा पेश कर के यूँ कहा
या नबी ! बाक़ी रहे अब आप और रब्बुल-अनाम
अपने घर का सब असासा पेश कर के यूँ कहा
या नबी ! काफ़ी हैं मुझ को आप और रब्बुल-अनाम
सब से बढ़ कर हैं फ़ज़ीलत में वो बा'द-ए-अम्बिया
है गवाह इस पर यक़ीनन हर मुसलमाँ ख़ास-ओ-'आम
हज़रत-ए-फ़ारूक़-ए-आ'ज़म और ज़ुन्नुरैन के
बल्कि हैं हर तौर वो मौला 'अली के भी इमाम
मुस्तफ़ा के 'इश्क़ का हक़ ऐसा पूरा कर दिया
हो गया अल्लाह राज़ी और आक़ा-ए-अनाम
वो 'इबादत और इता'अत में थे सर-गर्म-ए-'अमल
उन की सीरत सीरत-ए-अहमद का नक़्शा बा-कमाल
वो ख़िलाफ़त-ए-राशिदा के सर के ऐसे ताज हैं
हर कोई करता है झुक कर उन की अज़मत को सलाम
नक़्शबंदी सिलसिले के शैख़-ए-अव्वल हैं वोही
और रसूलुल्लाह के पहले ख़लीफ़ा-ए-मुराम
ख़ल्क़ के सरदार ने सरदार-ए-उम्मत कर दिया
कर दो, सरदार ! इस पे अपनी गुफ़्तुगू का इख़्तितात
ख़ल्क़ के सरदार ने सरदार-ए-उम्मत कर दिया
कर दो, ए सरदार ! इस पर मन्क़बत का इख़्तिताम
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